Winds Of East
Monday, November 16, 2015
सरहद के आर पार
शहर से थोड़ा आगे मुड़ो सरहद दिखेगी
वही सरहद जिसके उस पार दहशतगर्द है और इस पार आतंकी
वही सरहद जिसके दोनो तरफ़ सियासतें है जो खेलती है मासूमों के दिल से दिमाग़ से
सुना कल रात सरहद पर गोलियाँ चली, लहू बहा
वही सरहद जिसके उस पार भी लहू का रंग लाल था और इस पार भी।।
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